विदेश में बैठें हमारे भारत के भाई- बहनों ने भारत का प्रतिनिधित्व पूरी दुनिया के समक्ष करने में या एक विकसित देश के रूप में करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। कुछ ऐसा ही क्षण, भारतीय मूल की मनप्रीत मोनिका सिंह ने, सबको एक बार फिर से दिखाया है। जहाँ उपलब्धि की होड़ में, लोग एक दूसरे को नीचा दिखाने में लगे हैं वहीं, अमेरिका की निवासी ने कुछ ऐसा गौरवशाली काम किया जिसने सबको हैरान कर दिया है।
अमेरिका के एक शहर ह्यूस्टन में रहने वाली भारतीय मूल की मोनिका सिंह ने आज हैरिस काउंटी न्यायधीश के तौर पर शपथ ली। वह ह्यूस्टन की पहली सिख महिला जज बनी। इस बात से पूरी सिख़ कम्युनिटी गर्व महसूस कर रही है। शपथ समारोह की अध्यक्षता रवि सांडिल्य के द्वारा की गयी, जो भारतीय - अमेरिकी, दक्षिण एशियाई न्यायाधीश रह चुके हैं।
सांडिल्य ने कहा, "सिख समुदाय के लिए यह वास्तव में एक बड़ा क्षण है।" उन्होंने कहा कि मोनिका अब केवल सिखों के लिए नहीं, बल्कि सभी महिलाओं के लिए एक अम्बैसडर की तरह हैं। ह्यूस्टन के मेयर सिल्वेस्टर टर्नर ने कहा कि यह सिख समुदाय के लिए गर्व का दिन है, लेकिन ये सभी लोगों के लिए भी गर्व का दिन है क्योंकि यह ह्यूस्टन शहर की विविधता को दिखाता है।
भारतीय मूल की मनप्रीत मोनिका सिंह, अमेरिका के शहर ह्यूस्टन में जन्मी हैं। वहीं उनका पालन- पोषण भी हुआ। शनिवार को लॉ न. 4 में हैरिस काउंटी सिविल कोर्ट में मनप्रीत ने जज का पद सँभालने का मौका स्वीकार किया। मनप्रीत के पिता 1970 में ही अमेरिका के टेक्सास में आधिकारिक तौर पर रहने चले गए थे।मोनिका सिंह पिछले 20 साल से एक पेशेवर वकील होने के साथ ही वह स्थानीय राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई नागरिक अधिकार संगठनों में शामिल रही हैं। मनप्रीत ने इस मुकाम तक पहुंचने पर ख़ुशी जताई और उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि मैं एच-टाउन (ह्यूस्टन) का प्रतिनिधित्व करती हूं, इसलिए मैं आज इसके लिए खुश हूं। वह अपने पति और दो बच्चों के साथ बेलायर में रह रही हैं। अमेरिका में अनुमानित 500,000 सिख हैं, जिनमें से 20,000 सिख ह्यूस्टन क्षेत्र में रहते हैं।