देश, बल्कि विदेश में भी पहचाने जाने वाले रतन टाटा का अपने काम के प्रति ऐसा जज़्बा और जूनून आज के वक़्त में हर युवा अपने अंदर लाना चाहता है। 150 वर्षों से ज़्यादा, चले आ रहे टाटा के सफर की लगाम को ऊंचाइयों तक पहुँचने में रतन टाटा का ही हाँथ था।
उन्होंने भारत में ही नहीं, अंतर्राष्ट्रीय पायदान पर भी, अपने व्यापार की नीतियों से लोगों के दिलों में जगह बनाई है।
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, USA में पढ़े रतन टाटा ने अपनी शुरुआती नौकरी इंडिया के टाटा स्टील्स से ही शुरू की थी। कोई नहीं जनता था की वहां पर काम करने वाला कर्मचारी ही उस कम्पनी का नेतृत्व तय करेगा और पूरी दुनिया में उद्योगपतियों की श्रेणीं में सबसे ऊपर होगा।
अब शायद, इस दौड़-भाग को कुछ पल विराम देते हुए,रतन टाटा ने अपने फैंस के साथ अपने इंस्टाग्रम अकाउंट पर लोगों के सामने अपने बालरूप को याद करते हुए एक तस्वीर साझा करी है। अपने पालतू कुत्ते को पकडे हुए हैं और उसे भी अपनी तस्वीर में जगह दे रखी है,जिससे हमे पता चलता है की उनका कुत्ता उनसे काफी करीब था ।
बचपने में की शरारतों को याद करते हुए, उन्होंने ये तस्वीर जिसमे उनका भाई जिमी नवल टाटा भी मौजूद है और नीचे उन्होंने लिखा की 'वो खुशी के दिन थे. हमारे बीच कुछ भी नहीं आया. (1945 मेरे भाई जिमी के साथ)' जो उन्होंने अपने फैंस तक पहुंचाई।
उन्होंने शायद ये तस्वीर अपनी पुरानी यादें ताज़ा करने के लिए मंगलवार को लोगों के साथ साझा की हैं । गहरे शब्दों में लिपटा वो कैप्शन जो उन्होंने कुछ सोच कर ही लिखा होगा, लोगों को बहूत प्रभावित कर रहा है।