Al- Arabiya दुबई मीडिया चैनल को दिए साक्षात्कार (Interview) में पाकिस्तान के बाजवा शहबाज़ शरीफ ने कहा भारत से हाँथ मिलाने की बात। उन्होंने कहा की भारत के PM मोदी के साथ वो बैठना चाहते हैं और गंभीर विषयों पर जैसे कश्मीर का मुद्दा, इन सब को लेकर प्रेम से और भाईचारे द्वारा भारत के साथ निपटाना चाहते हैं। उन्होंने बोला की 3 दफा भारत के साथ युद्ध के बाद, हमें अपनी गलती का पछतावा हो गया है। हम अपना बचा-कुचा पैसा हथियारों और लड़ाई में व्यर्थ नहीं करना चाहते हैं। यह भी कहा की, जो बेरोज़गारी और गरीबी की परिस्थिति आयी है उसे एकसाथ मिलकर हटाना चाहिए।
उन्होंने ये भी बताया की हम दोनों ही एक, परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं। अगर ऐसे ही हम लड़ते रहे तो भगवान ही जनता है हमारा क्या होगा? हमारे यहाँ अच्छे इंजीनियर, सफल मजदुर मजूद हैं। अब ये हमे विचार करना है की, हमे आपस में ही लड़ना है या साथ मिलकर सुख- शांति से रहना है और देश की वृद्धि में हाँथ बटाना है। कहा की भारत और पाकिस्तान को एक साथ लाने में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। एक बार और पाकिस्तान ने कश्मीर के मुद्दे पर कहा, की मेरा मोदी जी से यही सन्देश है की हम अब शांति से जीना चाहते है। जो कश्मीर में मानव अधिकारों का उल्हंगन हो रहा वो रुकना चाहिए। इसलिए इस मुद्दे पर मोदी जी हमारे साथ बैठकर विचार-विमर्श करें।
कुछ लोगों को पाकिस्तान का यह माफ़ीनामा या शायद पछतावा ही, जैसा की वहां के PM दावा कर रहे वाहियात भी लग सकता है। क्युकिं ये पहली बार नहीं, 2001 में भी परवेज़ मुशर्रफ ने भी ऐसे ही धोखे से साझा करने की नौटंकी की और फिर गोला-बारूद और आतंकवादियों का हमला कर दिया था। इसलिए इन पर यकीन करना हमारे लिए मुश्किल हो सकता है। हमारे PM हमे खुद अगाह कर देंगे जो भी उनका निश्चय होगा।