कल सुबल, 11 बज कर 10 मिनट पर हुए इस हादसे को क्या नाम देना चाहेंगे ? अधिकारीयों का कहना है की ये हादसा न तो बदलते मौसम के कारण हुआ, और न ही किसी अन्य कारण से इसका स्पष्ट कारण विमान की तकनीकी समस्याएं है। जैसे की सभी को याद होगा की, अतिरिक्त हादसे हवाई यान को लेकर नेपाल एयरलाइन्स से ही होते हैं। महज़, इसी विषय पर EU (European United) ने 2013 में नेपाल की सभी हवाई यात्राओं पर रोक लगाने का बयान जारी किया था।
रविवार की सुबह, यति एयरलाइन का ATR-72 विमान, नेपाल की राजधानी काठमांडू से पोखरा हवाई यात्रा में हुआ दर्दनाक हादसा। ज़मीन पर उतरने के मात्र 10 सेकंड पहले ही विमान नेपाल घाटी की सेती नदी की खाई में जाकर गिर गया और जल कर राख हो गया। विमान में सवार थे कुल 72 लोग, जिसमे से 4 विमान चालक दाल के सदस्य थे। तहकीकात करने पर सामने आया की यात्रियों में 53 नेपाली, 5 भारतीय, 4 रूसी, 2 दक्षिण कोरियाई, 1 ऑस्ट्रेलियाई, 1 फ्रेंच, 1 आयरिश और 1 अर्जेंटीना का यात्री था। ताजा जानकारी के मुताबिक इस हादसे के बाद अबतक 69 शवों को बरामद किया गया है. 3 शवों का अभी भी कोई पता नहीं लग पाया है। यति एयरलाइन ने जानकारी दी कि 16 जनवरी के लिए यति एयरलाइंस की सभी नियमित उड़ानें रद्द की जाती हैं। हालांकि आपातकालीन और बचाव उड़ानें फिर से शुरू होंगी। बताया गया की नेपाल के डोमेस्टिक एयरपोर्ट और इंटरनेशनल हवाई अड्डे के बिच में ये हादसा हुआ था। जिस हवाई अड्डे में विमान को उतरना था वह नव निर्माणित था।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है. पीएम प्रचंड ने सभी सरकारी एजेंसियों को प्रभावी बचाव कार्य के निर्देश दिए है। उन्होंने हादसे को लेकर कैबिनेट की इमरजेंसी मीटिंग भी बुला ली।