रविवार को 93वां कार्यक्रम मन की बात के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने इस कार्यक्रम के दौरान चीतों को लेकर अहम जानकारी दी।और साथ ही उन्होंने एक बड़ी घोषणा भी की था। PM मोदी ने कहा की हम भारत मां के वीर सपूत भगत सिंह की जयंती मनाएंगे। आज श्रद्धांजलि स्वरूप चडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम भगत सिंह रखा जाएगा।
आइए आप को कुछ बाते भगत सिंह के बारे में बताते हैं
ये बात हर एक-एक भारतीय जानता है कि भारत को आजादी दिलाने के लिए कितने संघर्ष करने पड़े, और नाजाने कितने वीर सपूतों ने अपने प्राण इसी आजादी की लड़ाई में त्याग दिए। इन्हीं में से एक थे हमारे प्रिय शहीद भगत सिंह, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के आगे कभी हर नहीं माना। आजादी का झंडा लिए राष्ट्रवादी आंदोलन चलाया। भगत सिंह के इस शौर्य को देखकर अंग्रेज हुकूमत भी डरे हुए थे। भगत सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ जब भी मोर्चा खोला, तो उन्होंने एक ही नारा दिया कि 'इंकलाब जिन्दा बाद।' 28 सितंबर 1907 को जन्मे भगत सिंह महज 23 साल की उम्र में हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ गए पर झुके नहीं और उनके साथ राजगुरु और सुखदेव ने भी फांसी को कृषि से काबुल किया। लेकिन भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारधाराएँ आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं, तो चलिए इसी मौके पर भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों को जानते हैं :