उज्जैन में 12 साल की बच्ची से किये गए दुष्कर्म के बाद Times of India (TOI ) अख़बार ने एक चित्र बनाकर अपने अखबार में प्रकाशित किया था, जिसे देखकर सोशल मीडिया में लोगों के बिच ज़ुबानी जंग इस हद्द तक छिड़ गयी है की चित्र के चित्रकार को बोलना ही पड़ा। चित्रकार संदीप अध्वर्यु ने अपने बचाव में कहा की उनका जो सोचना था उन्होंने उस चित्र द्वारा दिखाया था उसमे TOI अख़बार प्रकाशन का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने आगे कहा की वो TOI की पहचान अपने चित्र से हटाना भूल गए थे।
पर,क्या जनता इस बयान पर यकीन करेगी? कार्टून में 12 साल की लड़की को दिखाया है जिसके पैरों से खून बह रहा है और उससे कुछ दूर पर कुछ लोगों को गाय की पूजा, सेवा करते दिखाया है, मतलब की लड़की पुरे शहर में मदद मांग रही और लोग उसे दुत्कार रहे हैं। ये सिर्फ चित्र के द्वारा ही नहीं दर्शया, बल्कि अंग्रेजी में चित्र के ऊपर लिखा भी गया है," लड़की पुरे शहर में मदद मांग रही और लोग उसे दुत्कार रहे हैं। "
इस कार्टून को लेकर सोशल मीडिया में " #Toilet of India " सबसे ऊपर चल रहा है, Toilet of India से लोगों का मतलब Times Of India अख़बार प्रकाशन से है। लोग TOI के इस चित्र से, गुस्से में है और एक्स पर टिप्पणियाँ कर रहे है। एक नेटीज़ेन ने तो TOI अख़बार को टैग करते हुए बोला की ये तुम्हारी सही जगह है, जिसमें उनके ही चित्र की तस्वीर एक तरफ लगाई और ऊपर लिखा प्रचार (Propaganda) और दूसरी तरफ तथ्य (Facts) लिखकर किसी दूसरे अख़बार की इसी घटना पर खबर की तस्वीर लगाई, जिसमें उस आचार्य का भी ज़िक्र था जिसने उस 12 साल की लड़की की मदद की थी।
लोगों का कहना बस इतना ही है की, TOI ने इस घटना को गलत तरीके से चित्र में दर्शाया है, जबकि वहीँ उज्जैन के आश्रम के एक आचर्य ने ही उसे बचाया, उसे कपड़े दिए, पुलिस को जानकारी दी और फिर पुलिस ने बच्ची को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया।