‘रेड नोटिस’, 195-सदस्यीय देशों के इस संगठन "इंटरपोल" की ओर से दुनियाभर में कानून लागू करने वाली एजेंसियों को कानूनी कार्रवाई के लिए आरोपी व्यक्ति का पता लगाने और हिरासत में लेने के लिए जारी किया जाता है।
इंटरपोल ने 2018 में चोकसी के खिलाफ वित्तीय घोटाले (Financial Scam) के तहत रेड नोटिस जारी किया था। भारत से फरार होने के लगभग 10 महीने बाद यह नोटिस जारी किया गया था। उसी साल चोकसी ने एंटीगुआ एवं बारबुडा की नागरिकता भी खरीद लिया था।
चोकसी ने अपने खिलाफ रेड नोटिस को राजनीतिक साजिश करार दिया था। याचिका के बाद यह मामला पांच सदस्यीय इंटरपोल समिति की अदालत में गया था। इस समिति को 'कमिशन फॉर कंट्रोल फाइल्स' कहा जाता है। समिति ने सुनवाई के बाद रेड नोटिस को रद्द कर दिया है।
चोकसी मई 2021 में एंटीगुआ और बारबुडा में से रहस्यमय तरीके से गायब हो गया था। इसके बाद उसे डोमिनिका नामक देश में देखा गया था। वहां उसे अवैध तरीके से घुसने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। भारत ने उसके खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस के आधार पर उसे वापस लाने के लिए हर संभव तरीका आज़माया। डीआईजी शारदा राउत की अगुवाई में अधिकारियों की एक टीम भी वहां गई, लेकिन उसके वकीलों ने डोमिनिका उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दिया, जिसे स्वीकार भी कर लिया गया था।
बता दें कि मेहुल चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई स्थित ब्रेडी हाउस ब्रांच के अधिकारियों की मिलीभगत से 14 हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला करने का आरोप है।