17 मार्च 2023, इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट यानी ICC ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था। इसके अगले ही दिन पुतिन यूक्रेन में मारियोपोल शहर की सड़कों पर घूमते देखे गए। जंग के दौरान इस शहर पर अब रूस का कब्जा है।
रूस के राष्ट्रपति, व्लादिमीर पुतिन खुद में ही एक बड़ी पावर हैं। रूस के पास दुनिया की सबसे ताकतवर फोर्सेज और आर्म्स हैं, सभी देशों को यह मालूम है। पर 2022 में, रूस ने यूक्रेन देश के कुछ शहरों पर कब्ज़ा करना शुरू कर दिया था, यह बोलते हुए की यह शहर रूस के अंतर्गत आतें है।
रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, कब्ज़ा करना शुरू किया, यूक्रेन के ऊर्जा स्रोतों को नष्ट करने की कोशिश की। मरिओपोल, कीव, खारकीव, लुहांस्क आदि शहरों से लोगों और बच्चों को जबरन रूस ले जाया गया था।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC), एक स्थायी न्यायाधिकरण है जिसमें जन-संहार, मानवता के खिलाफ अपराध, युद्ध अपराधों और आक्रमण के अपराध के लिए अपराधियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाता है। यह केवल, किसी इंसान या दोषी के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी कर सकती है न की किसी देश के खिलाफ।
पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करने के पीछे आई.सी.सी का ही हाँथ है। यूक्रेन प्रेजिडेंट, ज़ेलेन्स्की ने वारंट पर टिप्पड़ी करते हुए कहा की "रूस के लिए ये तो अभी सिर्फ शुरआत है।"
पर, रूस इस वारंट का बहिष्कार करते हुए इसे फालतू बता रहा है। रूस की विदेश मंत्री, मारिया ज़खारोवा ने वारंट की नामानि करते हुए कहा की "रूस आई.सी.सी संगठन का हिस्सा नहीं है इसलिए उनका यह वारंट हमारे लिए आमान्य है।" रूस ने अरेस्ट वॉरंट को टॉयलेट पेपर तक कह दिया। इससे साफ़ ज़ाहिर होता है की वारंट का असर उन पर नहीं चलेगा।